Real Estate Sector की चाल 2019 में रही धीमीअगले साल इन वजहों से हैं सुधार के आसार

नई दिल्ली। देश में Real Estate सेक्टर 2019 में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं दर्ज की गई। खपत में कमी, निवेश के अभाव और वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती से वृद्धि की संभावनाओं को नुकसान हआ। Anarock की हालिया रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि Real Estate sector का प्रदर्शन भारत की आर्थिक सेहत का एक तरह का बैरोमीटर होता है। इस बैरोमीटर में देश की वृहद आर्थिक स्थिति ही नजर आ रही है। इस रपट में कहा गया है कि नकदी का संकट खत्म नहीं हुआ है और इससे इस साल वास्तविक वृद्धि प्रभावित हुई है। Anarock Property Consultants के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि कई डेवलपर टिक नहीं पाए, जबकि अन्य को प्रासंगिक बने रहने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। पुरी ने कहा, मजबूत बैलेंस शीट वाले कुछ बड़े बिल्डर्स ने रीयल एस्टेट के समूचे परिदृश्य से इतर 2019 में अच्छी बिक्री और बढ़िया राजस्व हासिल किया। वर्ष 2019 के आखिर में ग्रेड ए बिल्डर्स को दिये गए कुल लोन में से 72 फीसद सुरक्षित हैं और उस पर कोई दबाव नहीं है। कॉमर्शियल ऑफिस की बिक्री सबसे अधिक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रीयल एस्टेट सेक्टर में कॉमर्शियल ऑफिसेज की बिक्री सबसे अधिक हुई। नकदी की कमी और सालाना बिक्री में कमजोर वद्धि के कारणआवासीय संपत्तियों की बिक्री में कोई उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी नहीं हुई। को वकिंग, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग और को-लिविंग जैसे सेक्टर में 2019 में थोड़ी प्रति हुई। इन सेक्टर्स में धीमा लेकिन सतत निवेश देखने को मिला। सरकार की महत्वपूर्ण पहलों का मिला लाभ नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल संघर्ष कर रहे ऑटोमोबाइल, रीयल एस्टेट और रिटेल इंडस्ट्रीज को रिवाइव करने के लिए कई कदम उठाए। इनमें रूकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये की वैकल्पिक विकास निधि सेटअप करना एक अहम कदम था। इसके साथ ही कॉरपोरेट टैक्स में भारी कमी का लाभ भी सेक्टर को मिला.